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हाय ये महगाई


आज जब एक आम आदमी के बारे मैं सोचता हूँ तो एक परेशानी व् चिंता से घिरा हुआ पता हूँ क्यों की एक ब्यक्ति जिसका रोजगार १००-१२५ रुपये है और उसके घर मैं सिर्फ़ चार सदस्य हैं (१ स्वयं ,१ बीबी २ बच्चे ) तो उसके खर्चे कैसे चलते होंगे ,क्योंकि आज कोई भी सब्जी १५-२० रुपये किलो से कम नही , और कोई भी दल ६०-९० केजी से कम नही ,और आटे का भावभी १६-१८ रुपये किलो से कम नही ,दूध भी २८-३० लीटर है यदि ऐसी स्थिति मैंएक आम आदमी खाए तो क्या खाए ,,यदि छोटी सी गड़ना करें तो हम पाएंगे की यदि एक ब्यक्ति एक दिन मैं ५०० ग्राम आता खाता है और लगभग ५०० ग्राम ही वो सब्जी भी खाता होगा , और घर मैं चार सदस्य हैं तो इस हिशाब से ८० रुपये सिर्फ़ उसके भोजन मैं ही खर्च हो रहें है ये तो सिर्फ़ भोजन है इसमे नही चाय है नही और अन्य नास्ता नही है
और उस व्यक्ति के बच्चे स्कूल जाते हों तो उनकी शिक्षा तोमुश्किल है क्यों की जरूरी नही वह व्यक्ति शाशन द्वारा दी गई विभिन्न कैटगरी मैं आता हो (),हम भारत मैं रहते हैं और हमारे यंहा सामूहिक परिवार की व्यवस्था है यदि एसी स्थिति मैं कंही उसके माता पिता उसके साथ रहते हैं
तो वह क्या करे क्या बच्चों को खिलाये क्या मां बाप को दे ,
यह भी जरूरी नही की उस व्यक्ति को रोजाना रोजगार मिले ।, क्यों की जो सरकारी योजना आती है वो सिर्फ़ कागजों मैं ही सही ढंग से चलती है वालिक सच्चाई कुछ और ही होती है ,
यदि उस व्यक्ति के परिबार के उन्य खर्चे जैसे कपडे , मकान , और अन्य सामान के बारे मैं सोचन एक बेमानी ही होगी
कोई कभी बीमार न हो यदि कंही कई उस परिवार का सदस्य बीमार पड़ा गया तो ,,,,,,,,यदि आम आदमी का (मजदूर) हाथ थम गया तो देश की क्या स्थित होगी इसके बारे मैं सोचन मुश्किल है ,
क्यों की एक देश के भविष्य मैं एक मजदूर का भी बहुत बड़ा योगदान होता है,

और उसके लिए भी उसकी चिंता करना होगी , अन्यथा हमारी हर व्यवस्था प्रभवित हो सकती हैं , मजदूर भी देश का भविष्य निर्माणक है
वन्देमातरम
दिब्यांग देव शर्मा
ग्वालियर

टिप्पणियाँ

  1. This is totaly based on truth and i am fully supported to u and wish u very ......

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  2. blogjagat mein swagat hai ........... likhte rahiye ......... muddon aur waicharik uljhaaw ke is sankraman kaal mein aap jaise logon kee jarurat hai

    जवाब देंहटाएं
  3. aaj ke netao ke karan is samaj me itni garibi ho gai he ki aam jivan trast ho gaya he ,,,, garib log iss mehengai par netao ko yahi kehna chahte he ki ...
    netaji kya huaa hua aapko satta ki masti me bhool gaye baap ko
    kale chikna maal ka maska laga aapko garibo ke khoon ka chaska laga aapko
    kya hua aapko kya hua aapko

    जवाब देंहटाएं

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