लाइफ एक रेस है तेज नही भागोगे तो कोई तुम्हे कुचल के आगे निकल जायेगा " 3idiot आज के इस प्रतियोगी युग में हर ब्यक्ति यही सोचता है और आगे बिना सोचे समझे , बिना चाहे , या चाहे दोड़ता जा रहा है ! हर कोई नम्बर के पीछे भाग रहा , कोई कम नंबर आने पर रो रहा है , कोई कुर्सी पर अपना नंबर लगा रहा है ऐसा लगता है कि दुनिया बस नंबर के लिए ही बनी है आज के परिवेश में हर तरफ नंबर की मारामारी है मैं एक सामान्य परिवार से हूँ और में पढ़ा लिखा हूँ लेकिन कुछ मजबूरियों और परिस्थितियों के कारण में अपना अध्ययन आगे नही बड़ा सका , मेरा सपना था कि में एक डॉक्टर बनू लेकिन में नही बन पाया , आज में चाहता हूँ कि मेरा बच्चा डॉक्टर बने , अब ये जरुरी नही कि बच्चा डॉक्टर बनाना चाहता है कि नही , ये तो सिर्फ उदहारण(example ) है ज्यादातर माता पिता कुछ इस तरह ही सोचते हैं कि उनका लड़का या लड़की जो वो नही कर पाए वो करे या उनके पडोसी या फिर रिश्तेदार जैसा बने ! बहुत कम माँ बाप अपने बच्चों के के पसंदीदा विषय के बारे में पूछते है नहीं वो लोग कभी उनकी रुचियों (hobbies)और शौक के बारे में गौर करते है नही सोचत...