ये कहानी उस (गुलाब)पेड़ की है जो एक ऐसे बगीचे में पैदा हुआ जंहा पर अलग अलग प्रकार के पोधे लगे हुए थे ,जब छोटा था तब से जवानी तक वह पुरे बगीचे का आकर्षण बन के रहा ,और सभी को अपनी और आकर्षित करने की कोशिश करता ,इतराता रहता और बहुत ख़ुशी से उसका जीवन चल रहा था ,और नहीं कभी वह अपने बगल वाले पौधे की खबर लेता की उसके पास वाले पर क्या बीत रही है ,उस का तो सिर्फ इतना था की हवा मैं मस्त झूमते रहना , कुछ दिनों बाद जब उसमे कलियों का आना हुआ उसे अपने भविष्य की चिंता और कलियों की चिंता सताने लगी ;क्यों की कलियों को देख कर विभिन्न प्रकार की मक्खी , और कीट पतंगे और उन कलियों के पास आएँगी ,और जो आकर उसकी कलियों को छेड़ेंगे ,जबकि उसकी कलियाँ तो कुछ और ही सपना देखती होंगी ,जब वो जवान होंगी तो उन्हें कोई जवान सा भवर आकर छेड़ेगा और उनका रस पिएगा , उसे यह चिता इसलिए सताने लगी क्योंकि वह देखता रहता कि उसके वगल वाले पेड़ पर जब कलियाँ जवान होती तो पहले तो उसे वही मक्खी ,कीट और पतंगे छेडते, और कुछ और बड़ी हो ही पाती तो उन्हें माली आकर तोड़ ले जाता , फिर वह सोचने लगा कि जब कलियाँ और बड़ी होंगी तो उसकी कलियों को ...